होलिका दहन के दिन आज भद्रा साया रहेगा, रविवार को भद्रा सुबह 9 बजकर 54 मिनट पर प्रारंभ हो गई है, जो रात्रि 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। भद्राकाल को शुभ नहीं माना जाता है, ऐसे में भद्राकाल की समाप्ति के बाद ही होलिका दहन किया जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा तिथि और भद्रा रहित काल में करना शुभ माना जाता है।
होलिका दहन 24 मार्च को और रंगों वाली होली 25 मार्च को खेली जाएगी। होलिका दहन पर इस साल चंद्रग्रहण के साथ साथ भद्रकाल का साया भी रहेगा। इस साल करीब 100 साल बाद होली पर चंद्रग्रहण लगने जा रहा है।
इस बार होली के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है, चंद्र ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है।
होलिका दहन के दिन आज भद्रा साया रहेगा, रविवार को भद्रा सुबह 9 बजकर 54 मिनट पर प्रारंभ हो गई है, जो रात्रि 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। भद्राकाल को शुभ नहीं माना जाता है, ऐसे में भद्राकाल की समाप्ति के बाद ही होलिका दहन किया जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा तिथि और भद्रा रहित काल में करना शुभ माना जाता है।
होलिका दहन 24 मार्च को और रंगों वाली होली 25 मार्च को खेली जाएगी। होलिका दहन पर इस साल चंद्रग्रहण के साथ साथ भद्रकाल का साया भी रहेगा। इस साल करीब 100 साल बाद होली पर चंद्रग्रहण लगने जा रहा है।
इस बार होली के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है, चंद्र ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है।