लखनऊ। केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CDRI) के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रो. नित्यानंद का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को 99 वर्ष के उम्र में निधन हो गया।
प्रो. नित्यानंद ने प्रसिद्ध गर्भनिरोधक गोली ‘सहेली’ की खोज की थी जो आज छाया नाम से जानी जाती है। इसके लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। औषधि रसायन
शास्त्र के स्थल स्तंभ डॉ० नित्यानंद द्वारा 400 से अधिक शोधपत्र एवं 130 से अधिक पेटेंट
समाज कल्याण हेतु विश्व को दिए गए। उन्होंने
100 से अधिक छात्रों को शोध कार्य में
मार्गदर्शन देकर चिकित्सा जगत को अनुगृहित किया।
सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। सारी वैज्ञानिक संस्थाएं उनके निधन से अत्यंत दुख में है तथा उनके अनुसार कोई भी डॉक्टर नित्यानंद की क्षति की पूर्ति नहीं कर सकता।वह अपने आप में एक संस्था थे और एक कुशल मार्गदर्शक थे , अतः उन्होंने अपने मार्गदर्शन से बहुत से वैज्ञानिकों को सफलता के शिखर तक पहुंचाया।जिनमे से एक सफल वैज्ञानिक है ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्चट के प्रबंधक डॉक्टर अनिल कुमार सक्सेना जो नित्यानन्द जी के मेधावी व होनहार शिष्य रहे है।
उनके निधन पर डॉ. सक्सेना ने भी शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि डॉ. नित्यानंद असाधारण वैज्ञानिक, विनम्र प्रवृत्ति के व्यक्ति और सीडीआरआई के महान निदेशक थे। उन्होंने कहा कि डॉ नित्यानंद का निधन कभीं ना पूर्ण होने वाली हानि है l
जिपर में 2020 में हुई अंतराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस CTPMS के मुख्य अतिथि थे तथा उन्होंने जिपर के बिल्डिंग का लोकार्पण भी किया था।
डॉ नित्यानंद को श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु जिपर में एक शोक सभा आयोजित की गई जिसमे जिपर के संस्थापक डॉक्टर ऐ के सक्सेना निदेशक दीपक तेवतिया एवं शिक्षक गण के साथ छात्र उपस्थित रहे।