उत्तर प्रदेश में गर्मी अब जानलेवा हो चली है। लगातार रिकॉर्ड बनाते पारे और लू-लपट ने नौतपा के छठे दिन बृहस्पतिवार को रिकॉर्ड 166 लोगों की जान ले ली। 48 डिग्री के साथ बुलंदशहर सबसे गर्म जिला रहा। दिन तो दिन, रातें भी खूब गर्मा रही हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक, बुलंदशहर इससे पहले 1978 में गर्म हुआ था, उस दौरान 48.2 डिग्री पारा दर्ज हुआ था। इसी तरह अभी तक के उपलब्ध आंकड़ों को देखें तो काशी मई में इतनी गर्म कभी नहीं रही। वहीं लखनऊ भी इस सीजन में पहली बार बृहस्पतिवार को लू की चपेट में आया। यहां पर पारा 45.1 डिग्री दर्ज किया गया। राजधानी लखनऊ में भी रात गर्म रही और पारा 32.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
काशीः 1952 से अब तक इतनी गर्मी नहीं
आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, वाराणसी में मौसम का आकलन 1952 से हो रहा है। तब से अब तक के आंकड़े बता रहे हैं कि इतना तापमान वाराणसी में कभी नहीं रहा। वाराणसी में बृहस्पतिवार को रात का पारा भी सर्वाधिक 32.5 डिग्री दर्ज हुआ।
प्रयागराज की रात इतनी गर्म कभी नहीं रही, पारा 34 पार।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को सर्वाधिक गर्म रहने के बाद प्रयागराज के रात के पारे ने भी बृहस्पतिवार को रिकार्ड बनाया। न्यूनतम तापमान 34.2 डिग्री रहा। इससे पहले 16 जून 2019 को यहां का न्यूनतम पारा 33.9 डिग्री रिकार्ड हुआ था, जो अभी तक सर्वाधिक था।
यूपी में गर्मी से 166 मौतें
बुंदेलखंड और सेंट्रल यूपी में गर्मी और लू से 47 लोगों की मौत हो गई। वाराणसी और आसपास के जिलों में 72 लोगों की जान चली गई। इनमें सेक्टर मजिस्ट्रेट, हेड कांस्टेबल, तीन रेलकर्मी, होमगार्ड और इंजीनियर भी शामिल हैं।