मुनस्यारी (पिथौरागढ़)
उत्तराखंड के दुर्गम इलाके में आज भी जीवन जीना लोहे के चने चबाने जैसा है, ऐसे में शासकीय कर्मचारी अपना जीवन दाँव पर लगाकर जनता की सेवा में लगे रहते है। कई इलाके अब भी ऐसे हैं जहां एक अदद सड़क तक नहीं है। ऐसे में हमारे उत्तराखंड पुलिस के जाबाज़ कर्मी अपनी जान हथेली पर रखकर कई किमी की पैदल दुरी तय कर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं। हाल ही में ल्वां गांव में पशुधन सहायक का शव लाने के लिए रेस्क्यू टीम को द्वर्गम और चट्टानी रास्तों से होते हुए 100 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।
दरअसल 4 दिन पूर्व जनपद पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट के सिरोला गांव निवासी पशुधन सहायक दान सिंह (59) पुत्र देव सिंह विभागीय कार्य से मल्ला जोहार के स्वां गांव गए हुए थे। शनिवार को सांस लेने में दिक्कत होने से अचानक उनकी मौत हो गई थी। सूचना पर रविवार को मुनस्यारी कोतवाली मुनस्यारी पुलिस के एसआई देवेंद्र विष्ट, राजस्व उप निरीक्षक दिनेश भंडारी, कांस्टेबल वीरेंद्र यादव, होमगार्ड देवेंद्र सिंह लगभग 50 किमी दूर ल्वां गांव पहुंचे। इसके बाद टीम के सदस्य शव को स्टेचर पर बांधकर वापस मुनस्यारी के लिए रवाना हुए। आखिरकार तमाम विषम हालात में टीम के सदस्यों ने मंगलवार को पशुधन सहायक के शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुनस्यारी पहुंचाया। यहां पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। मुनस्यारी कोतवाल नासिर हुसैन व उनकी टीम के कांस्टेबल वीरेंद्र यादव आदि की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हो रही है।