दीपक नारंग (ऋषिकेश)। एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का पहला अस्पताल होगा जहाँ जल्द ही लिवर ट्रांसप्लांट के मरीजों के लिए लिवर ट्रांसप्लांट क्लीनिक सेवा शुरू होगी। लिवर ट्रांसप्लांट के मरीजों को परामर्श देने के लिए इस क्लीनिक की ओपीडी प्रत्येक मंगलवार को दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक संचालित की जाएगी। इस बारे में
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभागाध्यक्ष डाॅ. रोहित गुप्ता ने बताया कि एम्स में भविष्य में लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू होने जा रही है। सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डाॅ. निर्झर राकेश ने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट ओपीडी में संबंधित रोगी का प्रारंभिक मूल्यांकन कर लिवर ट्रांसप्लांट के लिए आवश्यक परामर्श, प्री-ट्रांसप्लांट मूल्यांकन और पोस्ट-ट्रांसप्लांट प्रबंधन के लिए मंच प्रदान किया जाएगा।
रीजनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (रोट्टो) ने पिछले वर्ष अक्तूबर में एम्स का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद रोट्टो ने लिवर ट्रांसप्लांट की अनुमति थी। रोट्टो सरकारी संस्था है जो मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 मानव अंगों को अलग करने और इनके भंडारण के लिए विभिन्न नियम निर्धारित करता है। भविष्य में एम्स लिवर ट्रांसप्लांट करने वाला उत्तराखंड का पहला चिकित्सा संस्थान होगा।
अभी तक किडनी और कार्निया ट्रांसप्लांट की है सुविधा
एम्स ऋषिकेश में अभी तक किडनी और कार्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा है। रीजनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन ने आठ जनवरी 2021 को किडनी ट्रांसप्लांट की अनुमति एम्स को दी थी। तब से एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सक दो किडनी ट्रांसप्लांट कर चुके हैं। वहीं, 20 अगस्त 2019 को उत्तराखंड स्वास्थ्य निदेशालय से एम्स प्रशासन को कार्निया ट्रांसप्लांट की अनुमति मिली थी। अब एम्स में लिवर भी ट्रांसप्लांट होगा।
एम्स में पेट रोग से संबंधित समस्या वाले रोगियों के लिए प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की ओपीडी संचालित होती है। जबकि प्रत्येक मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की ओपीडी चलती है। वहीं, बृहस्पतिवार को फैटी लिवर क्लीनिक संचालित होता है। सभी ओपीडी दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक संचालित होती हैं।