दीपक नारंग (ऋषिकेश)।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गैरसैंण में बजट सत्र आयोजित नहीं किए जाने से नाराज हैं। उन्होंने सरकार के इस निर्णय को विधानसभा में पारित प्रस्ताव की अवमानना बताया है। अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण और सूखे नशे के बढ़ रहे कारोबार पर भी धामी सरकार को घेरा है।
सोमवार को ऋषिकेश स्थित तहसील चौक के निकट उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहुंचे। कांग्रेसियों ने हरीश रावत का गर्म जोशी के साथ स्वागत किया। मौके पर हरीश रावत ने कहा कि धामी सरकार गैरसैंण में बजट सत्र आयोजित नहीं करके राज्य के लोगों की भावनाओं का अपमान कर रही है। उपनल और अतिथि शिक्षकों का भी सरकार नियमितीकरण नहीं कर रही है। सरकार अपनी इनकम बढ़ाने के लिए शराब को बढ़ावा दे रही है और सूखे नशे पर सरकार शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रही है। यदि यही स्थिति रही तो देश में पहले नशे के लिए पंजाब को उड़ता पंजाब कहा जाता था। भविष्य में उत्तराखंड को भी इसी प्रकार के नाम से पहचान मिलेगी। हरीश रावत का कहना है कि राज्य में प्रशासनिक और राजनेताओं के संरक्षण में सूखा नशा फल फूल रहा है। यदि राजनीतिक सामाजिक और धार्मिक संगठनों को युवा पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित और संरक्षित करना है तो सूखे नशे के खिलाफ सबको एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से तीनों मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर फिर से निर्णय लेने की मांग की है मौके पर पूछे गए सवाल के दौरान हरीश रावत ने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी की इजाजत मिली तो वह अपने बेटे को हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। वह खुद भी अपने लिए अल्मोड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।